महाशक्ति पीठ - मां मंगला गौरी,गया बिहार (Maa Mangla Gauri, Gaya Bihar)

 नमस्कार दोस्तों।

जैसा कि मैंने आपको अपने बारे में बताया था कि यह ब्लॉग मुख्य रूप से Travel और Tourism से संबंधित है। जिसमें की मैं अपने यात्रा का अनुभव और उस जगह से संबंधित विस्तृत जानकारी और आप वहां तक कैसे पहुंच सकते हैं ये सारा कुछ आपसे साझा करूंगा।

दोस्तों मैंने सुना था कि बिहार के गया रेलवे स्टेशन से करीब 12 या 15 किलो मीटर दूर विष्णु पद के पास ही भास्मकुट पर्वत पर मां  मंगला गौरी मंदिर है जो कि 18 महाशक्ति पीठ में से एक है। नवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं का अपार भीड़ उमड़ती है।और मां मंगला सच्चे मन से सबकी मनोकामनाए पूरी करती हैं।मेरी बड़ी इच्छा हुई कि मैं भी वहां जाकर मां का दर्शन क़रू और आपलोगों के साथ अपने अनुभव साझा करूं।


क्यों प्रसिद्ध है गया का मां मंगला गौरी

मंगला गौरी के  में ही पूजा अर्चना करने वाले पंडित धर्मेंद्र तिवारी जी ने बताया कि यह मंदिर अठारह महाशक्तिपीठ में से एक है जो कि दुसरे स्थान पर है। पहला स्थान असम के कामाख्या माता मंदिर है। गया के मंगला गौरी मंदिर पलान पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। इस स्थान का उल्लेख पद्म पुराण, वायु पुराण और अग्नि पुराण में भी किया गया है। मंगला गौरी का वर्तमान मौजूद मंदिर 15 वीं शताब्दी का बताया जाता है जो कि सती या मातृ देवी को मुख्य रूप से वैष्णव तीर्थयात्रा केंद्र के लिए समर्पित है। मां मंगलगौरी को परोपकार की देवी के रूप में पूजा जाता है। 

क्या है  गया के मंगला गौरी की धर्मिक मान्यताएं-


यह मंदिर एक उप-शक्ति पीठ का निर्माण करता है - 

जहाँ पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि भगवान शंकर जब अपनी पत्नी सती का जला हुआ शरीर लेकर तीनों लोकों में व्याकुल होकर घूम रहे थे तो सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से काटा था. इसी क्रम में मां सती के शरीर के टुकड़े देश के विभिन्न स्थानों पर गिरे थे, जिसे बाद में शक्तिपीठ के रूप में जाना गया. इन्हीं स्थानों पर गिरे हुए टुकड़े में स्तन का एक टुकड़ा गया के भस्मकूट पर्वत पर गिरा था , जो पोषण का प्रतीक है।  यह माना जाता है कि जो कोई भी अपनी इच्छाओं और प्रार्थनाओं के साथ मां दुर्गा के पास आता है, वह सभी प्रार्थनाओं और मनोकामनाए को पूर्ण होते पाता है। सच्चे श्रद्धालू कभी निराश होकर नहीं लौटते..।

गया के मंगला गौरी कैसे पहुंचे?

फ्लाइट के माध्यम से - मंगला गौरी गया से सबसे नजदीकी बोध गया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है जो 10 किमी दूर है। जबकि यहां से पटना एयरपोर्ट की दूरी 125-130 किमी की दुरी है है। 

ट्रेन के माध्यम से - मंगला गौरी से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है गया रेलवे स्टेशन ही है, जो यहां से 10-12 किमी की दूरी पर है। ट्रेन के माध्यम से आप चाहे इंडिया के किसी भी कोने से आए, गया रेलवे स्टेशन ही आना होगा।


सड़क के माध्यम से -  पटना से सड़क के माध्यम से गया करीब 100-105 km की दूरी है, वहीं बोधगया से मंगला गौरी 5-8 किमी दूर है।यहां पहुंचने के लिए आपको आसानी से अपनी निजी वाहनों से भी पहुंच सकते और अपने गंतव्य स्थान के लिए लौट भी सकते हैं। 

आप चाहें तो अपने सुविधा अनुसार जीटी रोड के माध्यम से शेरघाटी और डोभी होते हुए भी मंगला गौरी गया पहुंच सकते हैं।

मंगला गौरी गया दर्शन का उपयुक्त समय क्या है

वैसे तो यहां सालों भर हर मौसम में देश के हर कोने से श्रद्धालू आते  रहते हैं लेकिन बिहार के गया जिले में अत्याधिक गर्मी और अत्याधिक सर्दी पड़ने के कारण अगस्त से लेकर नवंबर और फरवरी से लेकर अप्रैल तक का समय सबसे बेहतर हो सकता है।

हालांकि हिंदी माह के अनुसार चैत्र और आश्विन का नवरात्र का दिन मां को सबसे प्रिय है। लेकिन यहां हर महीने में श्रद्धालुओ की असीम श्रद्धा के कारण हर दिन मेला सा लगा रहता है। प्रत्येक मंगलवार को भी यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

गया का अन्य महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट

दोस्तों आप जब भी बिहार टूर का प्लान करें तो गया दर्शन का प्लान अवश्य रखें। गया जिला टूरिस्ट स्पॉट के नजरिए से महत्वपूर्ण है, जैसे ...



  • भगवान बुद्ध का ज्ञान प्राप्ति स्थान विश्व प्रसिद्ध बोधगया ।

  •  पिंडदान के लिए जाना जाने वाला महत्वपूर्ण स्थान विष्णुपद ।

  • रामायण से संबंधित राजा दशरथ का पिंडदान स्थल सीता कुंड।

  • और अकेले 22 वर्षों तक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने वाले मांझी द माउंटेन मैन के नाम से जाना जाने वाला गहलौर घाटी इसी गया जिले में स्थित है।

  •  इसके साथ ही गया पहाड़ों से घिरा हुआ प्राकृतिक नजरों का मुख्य आकर्षण है।

इसके अलावा आप गया से बिहार के अन्य जिलों के टूरिस्ट प्लेस का भी प्लान आसानी से कर सकते हैं।

1. बराबर की गुफाएं - बराबर की गुफाएं गया से 24 किलोमीटर दूर जहानाबाद जिले में स्थित है,जो कि मगध सम्राट अशोक के समय की पुरानी गुफा है। इन गुफाओं में सम्राट अशोक के शिलालेखों को भी देखा जा सकता है।

2.  नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर-  चौथी शताब्दी के विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय यहां से करीब 72 किलोमीटर की दूरी पर नालंदा जिले में है। नालंदा विश्वविद्यालय गुप्त वंश के किस समय में अपने चरमोत्कर्ष पर था। जहां पर विश्व के अन्य देशों से छात्र एवं शिक्षक शिक्षा ग्रहण करने आते थे। 12 वीं सदी में बख्तियार खिलजी द्वारा तहस-नहस कर दिया गया था।


3. राजगीर-  गया से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर नालंदा जिले में है। यह विश्व शांति स्तूप एवं 9 जलधाराओं के कुंड के लिए प्रसिद्ध है। राजगीर प्राचीन मगध सम्राट बिंबिसार की राजधानी शहर थी जोकि आज भी चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ प्राकृतिक सौंदर्य की छाया में बसा हुआ सुरक्षित प्राचीन शहर है। भगवान बुद्ध का विश्राम स्थल वेणु वन इसी राजगीर शहर में स्थित है। यह पर्यटन के दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण शहर है।

4. शेरशाह का मकबरा -  शेरशाह का मकबरा गया शहर से गरीब 100 किलोमीटर दूर सासाराम में स्थित है। शेरशाह का मकबरा भारत इस्लामी वास्तु कला शैली का विशिष्ट उदाहरण है। साथ ही यह कृत्रिम झील के बीचो बीच खंभे पर बना मकबरा है जो कि भारत में दूसरे ताजमहल के नाम से जाना जाता है।  पर्यटन के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण स्थान है।

5. देव सूर्य मंदिर - गया से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर औरंगाबाद जिले में स्थित है। देव मुख्य रूप से सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। बिहार में छठ पूजा के समय देव सूर्य मंदिर विशिष्ट महत्व है। आस्था के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा द्वारा देव के सूर्य मंदिर को रातों-रात बनाया गया था।

6.पावापुरी का जल मंदिर - पावापुरी गया से करीब 70-75 किलोमीटर की दूरी पर नालंदा जिले में है, जो कि जैन धर्म का महत्त्वपूर्ण धर्म स्थल है। यहां जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर  स्वामि महावीर जैन का निर्वाण स्थल है।


                                                  धन्यवाद ...!

अभिषेक शाहिल


Hello friends.

As I told you about myself, this blog is mainly related to Travel and Tourism. In which I will share with you my experience of travel and detailed information related to that place and how you can reach there.



 Friends, I had heard that there is a Ma Mangala Gauri temple on the Bhasmakut mountain near Vishnupad, which is one of the 18 Maha Shakti Peethas, about 12 or 15 km away from Gaya railway station in Bihar.  On the occasion of Navratri, a large crowd of devotees throng here and Mother Mangala fulfills all the wishes of the people with a sincere heart. I wish that I should go there to share my vision  and my experiences with you.

 Why is Gaya's Maa Mangala Gauri famous

Pandit Dharmendra Tiwari ji, who worshiped in Mangla Gauri's own place, said that this temple is one of the eighteen Mahashakti Peetha which is in the second place. The first place is Kamakhya Mata Temple in Assam.  Mangala Gauri Temple of Gaya is famous as " Palan Peeth".  This place is also mentioned in Padma Purana, Vayu Purana and Agni Purana.  The present existing temple of Mangla Gauri is said to be of the 15th century, dedicated mainly to the Vaishnava pilgrimage center to Sati or the Mother Goddess.  Maa Mangalgauri is worshiped as the goddess of philanthropy.

 What is the religious beliefs of Mangala Gauri of Gaya-



 This temple builds a sub-Shakti Peetha - 

where, according to mythology, it is believed that when Lord Shankar was wandering around in the the worlds with the burnt body of his wife Sati, Lord Vishnu saved the creation.  Mother Sati's body was cut from his Sudarshan Chakra.  In this, pieces of Mother Sati's body fell at different places in the country, which was later known as Shaktipeeth. In these places, a piece of breast had fallen on Gaya's Bhasmakut mountain, which is a symbol of nutrition.  It is believed that whoever comes to Maa Durga with her wishes and prayers, gets all the prayers and wishes fulfilled.  True devotees never return disappointed.

 How to reach Mangala Gauri of Gaya?

 Via flight - Mangla is the nearest from Bodh Gaya International Airport which is 10 km away.  While the distance from here to Patna Airport is 125-130 km.

 By Train - Mangla is the nearest railway station from Gauri to Gaya railway station, which is at a distance of 10-12 km from here.  Whether you come from any corner of India through train, Gaya railway station has to come.



 Via Road - Gaya via Patna is a distance of about 100-105 km, while Mangla Gauri is 5-8 km from Bodh Gaya. To reach here you can easily reach by your private vehicles and reach your destination.  Can also return to the location.

 If you wish, you can reach Mangla Gauri Gaya via GT Road via Sherghati and Dobhi as per your convenience.

 What is the appropriate time to visit Mangla Gauri Gaya

 Although devotees keep coming here from all corners of the country in all seasons throughout the year, but due to extreme heat and extreme cold in Gaya district of Bihar, the time from August to November and February to April may be the best.

 However, according to the Hindi month, the day of Chaitra and Ashwin's Navratri is most dear to the mother.  But due to the immense reverence of devotees in every month, a fair is held every day.  Every Tuesday also attracts a large number of devotees.

Other important tourist spots of Gaya

 Friends, whenever you plan a Bihar tour, do keep the plan of Gaya Darshan.  Gaya district is important from the perspective of tourist spots, such as…


  •  World famous Bodh Gaya, the place of enlightenment of Lord Buddha.
  •   The important place Vishnupada is known for Pindadan.
  •  Sita Kund, the shrine of King Dasharatha, belonging to the Ramayana.

  •  And Gehlaur Valley, known as Manjhi the Mountain Man, after cutting the mountain for 22 years alone, is located in this Gaya district.
  •  Along with this, surrounded by the Gaya Mountains is the main attraction of natural scenes.

 Apart from this, you can also easily plan a tourist place from Gaya to other districts of Bihar.


 1.Babar Caves - The equivalent caves are located 24 km from Gaya in Jehanabad district, which is an old cave of the time of Magadha Emperor Ashoka.  Inscriptions of Emperor Ashoka can also be seen in these caves.

 2. Ruins of Nalanda University - The world famous Nalanda University of the fourth century is in Nalanda district, about 72 kilometers from here.  Nalanda University was at its peak in what time of Gupta dynasty.  Where students and teachers from other countries of the world used to come for education. In the 12th century, Bakhtiar was destroyed by Khilji.

 3. Rajgir - is in Nalanda district, about 65 kilometers from Gaya.  It is famous for the World Peace Stupa and the reservoir of 9 streams.  Rajgir was the capital city of the ancient Magadha emperor Bimbisara, which is still a safe ancient city surrounded by hills surrounded by natural beauty.  Venu Van, the resting place of Lord Buddha, is located in this Rajgir city.  It is a very important city in terms of tourism.


 4. Sher Shah's Tomb -  Sher Shah's Tomb is located in Sasaram, 100 Kilometers from the town of Gaya.  Sher Shah's tomb is a typical example of the Indo-Islamic architectural style.  It is also a mausoleum built on the middle pillar of the artificial lake, which is known as the second Taj Mahal in India.  It is a very important place from the tourism point of view.

 5. Dev Sun Temple -  Located in Aurangabad district, about 60 kilometers from Gaya.  Dev is mainly famous for the Sun Temple.  The Dev Sun Temple is of special importance at the time of Chhath Puja in Bihar.  Along with faith, it is also an important place in terms of tourism.  It is said that the Sun Temple of God was built overnight by Lord Vishwakarma.

 6. Jal Mandir of Pavapuri - Pavapuri is about 70-75 km from Gaya in Nalanda district, which is an important religious place of Jainism.  Here is the Nirvana site of Swami Mahavir Jain, the 24th Tirthankara of Jainism.


                                            Thank you...!

 Abhishek Shahil

    

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