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pind daan in gaya 2022- पितृ पक्ष और पिंडदान क्या है..?? पितृ पक्ष मेला -मोक्ष की भूमि गया

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 पितृ पक्ष  और   पिंडदान  क्या है..?? पितृ पक्ष 16 दिनों की वह अवधि है जिसमें हिंदू लोग अपने पितरों  यानी अपने पूर्वजों को श्रद्धा पूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिए पिंडदान करते हैं ।  पितृपक्ष को अन्य नामों से भी जाना जाता है - जैसे सोलह श्राद्ध, महालय पक्ष, अप्पर पक्ष आदि। इस दौरान पूर्वजों की याद पर अनुष्ठान, तर्पण और दान का विशेष महत्व है ।  ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध पक्ष में पितर धरती पर आते हैं।  शास्त्रों और पुराणों के अनुसार पितरों की स्थापना प्रकृति से जुड़ी हुई चीजों में बताया गया है जैसे- कौवा, गाय, कुत्ता आदि। पितृ पक्ष का वास्तविक तात्पर्य अपने पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धा को प्रकट करना है इसलिए इसे श्राद्ध पक्ष नाम दिया गया है। 10 सितंबर के पूर्णिमा को श्राद्ध पक्ष शुरू होंगे और 25 सितंबर तक चलेंगे। ज्योतिषविद्दगण कहते हैं कि 16 दिन का पूर्ण पितृपक्ष इस बार रहेगा भाद्र पक्ष को पूर्णिमा तिथि से यह शुरू हो रहा है जिसका समापन 25 सितंबर को होगा।  भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण कृष्ण पक्ष अमावस तक के 16 दिनों के पितृपक्ष कहते ह...

महाशक्ति पीठ - मां मंगला गौरी,गया बिहार (Maa Mangla Gauri, Gaya Bihar)

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  नमस्कार दोस्तों। जैसा कि मैंने आपको अपने बारे में बताया था कि यह ब्लॉग मुख्य रूप से Travel और Tourism से संबंधित है। जिसमें की मैं अपने यात्रा का अनुभव और उस जगह से संबंधित विस्तृत जानकारी और आप वहां तक कैसे पहुंच सकते हैं ये सारा कुछ आपसे साझा करूंगा। दोस्तों मैंने सुना था कि बिहार के गया रेलवे स्टेशन से करीब 12 या 15 किलो मीटर दूर विष्णु पद के पास ही भास्मकुट पर्वत पर मां  मंगला गौरी मंदिर है जो कि 18 महाशक्ति पीठ में से एक है। नवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं का अपार भीड़ उमड़ती है। और मां मंगला सच्चे मन से सबकी मनोकामनाए पूरी करती हैं।मेरी बड़ी इच्छा हुई कि मैं भी वहां जाकर मां का दर्शन क़रू और आपलोगों के साथ अपने अनुभव साझा करूं। क्यों प्रसिद्ध है गया का मां मंगला गौरी मंगला गौरी के  में ही पूजा अर्चना करने वाले पंडित धर्मेंद्र तिवारी जी ने बताया कि यह मंदिर अठारह महाशक्तिपीठ में से एक है जो कि दुसरे स्थान पर है। पहला स्थान असम के कामाख्या माता मंदिर है। गया के मंगला गौरी मंदिर पलान पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। इस स्थान का उल्लेख पद्म पुराण, वायु पुराण...

Man Made Barabar Caves (बराबर की गुफाएं)- in Bodh Gaya Bihar, India

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नमस्कार दोस्तों। आज के इस पोस्ट में मैं, एक ऐसी जगह के बारे  में अपनी आंखों देखी चर्चा करने जा रहा हूं जो दुनियां भर में अपनी पहचान और आकर्षण के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। यह जगह प्राचीन इतिहास एवं पौराणिक मान्यताओं के कई सारे रहस्यों को समेटे हुए आज भी मौजूद है। मगध की धरती पर प्राचीन काल से ही एक से बढ़कर एक धरोहर रहे हैं। इन्ही में से एक प्रमुख है बराबर की गुफाएं , जो प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का अनुपम संगम है। बराबर की गुफाएं पहाड़ और जंगल के साथ ही औषधीय पौधे के लिए भी जाना जाता है, परंतु बराबर, दुनिया की एक मात्र मानव निर्मित गुफा के लिए मुख्य रूप से विश्व प्रसिद्ध है।        👉    बराबर की गुफाओं का वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें बराबर की गुफाएं क्यों प्रसिद्ध है ? यह दुनिया की एकमात्र मानव निर्मित प्राचीन गुफा है जिसे तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पहाड़ के चट्टानों को काटकर बनाया गया था, जो कि दुनिया में गुफा निर्माण के प्राचीन वास्तु कला का आरंभिक उदाहरण है। गुफाओं के छत गुंबद नुमा और मुख्य द्वार पर जालीनुमा कलाकृति देखने को मिलत...

Tamasin waterfall chatra, jharkhand (तमासिन जलप्रपात चतरा,झारखंड)

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नमस्कार फ्रेंड्स , इस ब्लॉग में मैं झारखंड राज्य के चतरा जिला के महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट और पिकनिक स्पॉट में सबसे खूबसूरत , सबसे आकर्षक , और प्रकृति की गोद में स्थित तमासिन जलप्रपात का बेहद खूबसूरत और आनंददायक अनुभव आप लोगों के साथ साझा करूंगा। क्यूं प्रसिद्ध हैं तमासिन जलप्रपात तमासिन जलप्रपात झारखंड राज्य के चतरा जिला के इटखोरी क्षेत्र अंतर्गत स्थित है जो कि चतरा से करीब 32 किलोमीटर दूर है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। आने वाले आगंतुक यहां की प्राकृतिक छटा देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं , अपनी सारी थकान भूल जाते हैं। तमासिन जलप्रपात झारखंड के जंगलों और पहाड़ों के बीच मुख्य रूप से बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। यहां बिहार , झारखंड के अलावा देश के अन्य हिस्सों से प्रकृति प्रेमियों एवं सैलानियो का भीड़ उमड़ता है। नव वर्ष के अवसर पर यहां काफी चहल पहल देखने को मिलती है। तमासिन जलप्रपात की इस सौंदर्य को देखने के लिए विदेशी यात...